- पीएम मोदी ने दून के परेड मैदान से राज्य को दी 18 हजार करोड़ रु. की परियोजनाओं की सौगात
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून के परेड मैदान से राज्य को 18 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात दी। इस मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं। पिछली सरकारों ने वन रैंक, वन पेंशन की अनदेखी की। बॉर्डर के पास सड़कें और पुल बनें, इस ओर पिछली सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। सेना को निराश करने का काम किया। आज सेना गोली का जवाब, गोली से देती है। उन्होंने कहा कि आज मैं यह कह सकता हूं कि उत्तराखंड का पानी और जवानी यहीं के काम आएंगे। इसके अलावा पीएम ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल भेद करके एक तबके के लिए वोट बैंक की राजनीति करते हैं जबकि हम सभी के लिए योजनाएं बनाते हैं। हमारा मार्ग कठिन जरूर है लेकिन हम देशहित में काम करते हैं। पहले की सरकारों ने सोची समझी रणनीति के तहत जनता को ताकतवर नहीं बनने दिया। हमने इस अप्रोच से अलग रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जो उत्तराखंड हासिल नहीं कर सकता। ऐसा कोई संकल्प नहीं है जो यहां सिद्ध नहीं हो सकता।
देहरादून के परेड ग्राउंड में राज्य को 18 हजार करोड़ रुपए की सौगात देने के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करना शुरू किया। उन्होंने गढ़वाली में अपने संबोधन की शुरुआत की। पीएम ने कहा कि ये परियोजनाओं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए उत्तराखंड के लोगों का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जो लोग पूछते हैं डबल इंजन की सरकार का फायदा क्या है, वो देख सकते हैं कि कैसे डबल इंजन की सरकार विकास की गंगा बहा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड पूरी देश की आस्था ही नहीं, बल्कि कर्म और कठोरता की भी भूमि है। आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है वे इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि आज की सरकार किसी देश के दबाव में काम नहीं करती। 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए। हम दिन रात मेहनत करके आज भी उनकी भरपाई करने में जुटे हुए हैं। पिछली सरकार ने देश का, उत्तराखंड का समय बर्बाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि साढ़े सात लाख घरों में नल से जल पहुंचा। उत्तराखंड में अब होम-स्टे लगभग हर गांव में पहुंच चुके हैं। लोग बहुत सफलता से यहां होम-स्टे चला रहे हैं। आने वाले पांच साल उत्तराखंड को रजत जयंती की ओर ले जाने वाले हैं। ऐसा कोई काम नहीं जो उत्तराखंड नहीं कर सकता। ऐसा कोई संकल्प नहीं जो ये देवभूमि सिद्ध नहीं कर सकती। देशभर में जो बिखर रहे हैं वो उत्तराखंड को निखार नहीं सकते हैं। आपके आशीर्वाद से ये डबल इंजन उत्तराखंड का विकास करता रहेगा।
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा समाज में भेद करके सिर्फ एक तबके को, चाहे वो अपनी जाति का हो, किसी खास धर्म का हो या अपने छोटे से इलाके के दायरे का हो, इसी पर ध्यान देना यही प्रयास हुए हैं और उसमें ही उनको अपना वोट बैंक नजर आता है। देश के सामान्य मानवी का स्वाभिमान, उसका गौरव सोची-समझी रणनीति के तहत कुचल दिया गया, उसे आश्रित बना दिया गया। लेकिन इस अप्रोच से अलग हमने अलग रास्ता चुना है। हमारा मार्ग है, सबका साथ-सबका विकास। उत्तराखंड होम स्टे के मामले में पूरे देश को एक दिशा दिखा सकता है। इसी तरह के परिवर्तन से देश आगे बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। हमने जो रास्ता चुना है वो रास्ता कठिन है, मुश्किल है लेकिन वो देश हित में है। हमारा मार्ग है सबका साथ, सबका विकास, हमने कहा जो भी योजना लाएंगे सबके लिए लाएंगे। हमने वोटबैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया। देशहित को प्राथमिकता दी। हम आपको ताकतवार बनाना चाहते हैं। हम आपको आश्रित नहीं आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। जैसा हमने कहा था जो हमारा अन्नदाता है वो ऊर्जादाता भी बने। इसके लिए हम खेत के किनारे पर सोलर पैनल लगाने की योजना लेकर आए। इससे देश पर भार भी नहीं बढ़ा और किसान को बिजली भी मिल गई।
पीएम ने कहा कि आज की सरकार किसी के दबाव में नहीं आती। पहले की सरकार ने उत्तराखंड में नेशनल हाईवे पर 7 साल में 600 करोड़ के आस पास खर्च किया। हमारी सरकार ने 7 साल में नेशनल हाईवे पर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है। पहले की सरकारों ने अपनी तिजोरी भरी। हम आपका सपना पूरा करने के लिए दिनरात मेहनत कर रहे हैं। आज समय से साथ राजनीति में विकृति आ गई है। समाज में भेद करके किसी एक जाति को, एक तबके की तरफ ध्यान देना बस यही काम हुए। आज उत्तराखंड में तीन मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। आज की सरकार सीधे जनता के पास जाती है। पहले की सरकारों ने जनता को ताकतवार नहीं बनने दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ त्रासदी से पहले, 2012 में 5 लाख 70 हजार लोगों ने दर्शन किये थे। ये उस समय एक रिकॉर्ड था। जबकि कोरोना काल शुरू होने से पहले, 2019 में 10 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ जी के दर्शन करने पहुंचे थे। पहले की सरकारों ने गंभीरता से काम नहीं किया। हर स्तर पर सेना को निराश करने का काम हुआ। वन रैंक वन पेंशन की अनदेखी हुई। बॉर्डर के पास निर्माण पर ध्यान नहीं दिया। कुछ करने का जुनून हो तो सूरत भी बदलती है और सीरत भी बदलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने सात सालों में क्या किया। 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। इससे देश का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं। इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का, बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि उत्तराखंड का पानी और जवानी उत्तराखंड के काम आया। 10 साल ऐसी सरकार रही जिसने वक्त बर्बाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड पूरी देश की आस्था ही नहीं, बल्कि कर्म और कठोरता की भी भूमि है। इसलिए इस क्षेत्र का विकास, इस क्षेत्र को भव्य स्वरूप देना, डबल इंजन की सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। भारत की नीति गति शक्ति में है। पिछली सरकार में कई घोटाले हुए। हम आज भी उनकी भरपाई कर रहे हैं। हम पुराने तौर-तरीको को छोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, अनेक जरूरी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आखिरकार आज ये दिन आया है। आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। आज भारत की नीति, गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है। आज देश नवनिर्माण में जुटा है।