देहरादून। धरती जिनती सुंदर प्रकृति ने सजोकर बनाई हैं उसी तरह समाज को सजोने में महिलाओं की एहम भूमिका रही हैं लाचार रही लेकिन संघर्ष की जननी रही बेटियां, समाज में कई यातनाओं को सहने के बाद भी कभी अपने को कमजोर नही होने दिया बल्कि हमेशा समाज को एक नई दिशा देती रही। ऐसे वीरांगनाओं का देश हैं हमारा जहां की वीरगाथाएँ प्रेरणास्रोत हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर पौधा उपहार में भेंट के प्रेरणास्रोत प्रसिद्ध पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा देवभूमि उत्तराखंड भी नारियों व वीरांगनाओं का प्रदेश रहा है जिनकी जीवन संघर्षों से हमें प्रेरणा मिलती हैं। आज जरूरत है बालिकाओं के लिए अच्छी शिक्षा, सुरक्षित भविष्य, उत्तम स्वास्थ्य, पोषण आहार, कन्या भ्रूण हत्या व बालविवाह रोकने, बालिकाओं की समस्याओं का समाधान, लड़कियों के लिए बेहतरीन आजीविका सुनिश्चित करने, सुनहरे भविष्य की योजनाएं बनाने ताकि बालिकाएं समाज में पुरुषों के बराबरी कर सकें।
वृक्षमित्र डॉ सोनी कहते हैं आज हर क्षेत्र में बालिकाओं की एहम भूमिका देखने को मिलती है हमें भी उनका सहयोग व मार्गदर्शन करना चाहिए तभी जाके एक सुंदर समाज बन सकें, बालिकाएं सक्षम होती हैं तो कलकी पीढ़ियां भी मजबूत, शिक्षित व सक्षम होगी। समाज के लिए प्रकृति की छांव की जैसी योगदान महिलाओं का रहता हैं आजकी आवाज कल के सुनहरे भविष्य का निर्धारण करेगी।