श्रीनगर, कश्मीर के बेहतर होते हालात आतंकवादी संगठनों को रास नहीं आ रहे हैं। वे हर दिन इसी प्रयास में जुटे हैं कि कहीं न कहीं आतंकी हमला कर वे लोगों में फिर से वहीं डर व खौफा पैदा करें जैसे कि पहले कभी हुआ करता था परंतु उनकी साजिशों को हर बार नाकाम बनाने वाले सुरक्षाबल इन दिनों उनके लिए कहर बनकर परप रहे हैं। कश्मीर के शांतपूर्ण माहौल को कोई खराब करे, यह उन्हें गवारा नहीं है। यही वजह है कि दक्षिण कश्मीर मेंं आतंकवाद की जड़ों को खत्म करने के लिए सुरक्षाबलों ने अपने अभियानों में तेजी लाई है। अच्छी बात यह है कि अब लोग भी सुरक्षाबलों का साथ दे रहे हैं।
सुरक्षाबलों ने बीते 20 दिनों में 20 आतंकियों को मार गिराया है। यह सभी लश्कर-ए-तैयबा के थे। इनमें गत रविवार की रात को शोपियां में मारे गए इश्फाक अहमद डार और माजिद इकबाल बट भी शामिल हैं।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि बीते 20 दिनों में दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच आठ बार मुठभेड़ हुई है। इनमें से तीन मुठभेड़ें जिला कुलगाम में और तीन पुलवामा में हुई हैं। शोपियां व अनंतनाग में एक-एक मुठभेड़ हुई है। इनमें त्राल का रहने वाले निशाज लोन, सडूरा अनंतनाग का आरिफ हज्जाम, हेफ शोपियां का इश्फाक अहमद डार जैसे दुर्दांत आंतकी मारे गए हैं।
उन्होंने बताया कि चिम्मर कुलगाम में 30 जून को हुई मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों की पहचान वसीम अहमद बांगरु, शहबाज अहमद और जाकिर बशीर में रुप में हुई थी। शहबाज बीते साल आतंकी बना था जबकि वसीम इसी साल 19 जून को आतंकी संगठन मं शामिल हुआ था। जाकिर मारे जाने से चंद दिन पहले ही लश्कर का हिस्सा बना था।
दो जुलाई को हांजन पुलवामा में 17 घंटे की मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए थेप् इनमें लश्कर का जिला कमांडर निशाज हुसैन लोन उर्फ खिताब, दानिश मंजूर शेख, आसिफ वागे, मंजूर लोन और एक पाकिस्तानी आतंकी अबु रेहान उर्फ तौहीद शामिल थे। निशाज वर्ष 2018 में आतंकी बना था। इसके बाद आठ जुलाई को पुलवामा और कुलगाम में दो अलग अलग मुठभेड़ों में चार आतंकी मारे गए थे। पुलवामा में दो आतकी किफायत रमजान ओर इनायत अहमद डार मारे गए थे। यह मुठभेड़ पुच्छाल में हुई थी जबकि कुलगाम के जाडूर में शहबाज अहमद शाह और नासिर अहहमद पंडित मारे गए थे।
नाै जुलाई को भी कुलगाम के रेडवनी इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी। लेकिन आतंकी घेराबंदी तोड़ भाग निकले। इसके अगले दिन 10 जुलाई को सडूरा अंतनाग में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों बासित अहमद, सुहैल अहमद और आरिफ हज्जाम का मार गिराया। यह मुठभेड़ कावरीपोरा में हुई थी। 14 जुलाई को पुलवामा की न्यू कालौनी में हुई मुठभेड़ में लश्कर के तीन आतंकी एजाज उर्फ अबु हुरैरा, जावेद अहमद राथर और शहनवाज नजीर गनई मारे गए। एजाज उर्फ अबु हुरैरा पाकिस्तानी था जबकि दो अन्य स्थानीय ही थे।
इसके बाद 19 जुलाई रविवार की रात को चक सदीक खान शोपियां में सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में लश्कर कमांडर इश्फाक अहमद डार और उसके साथी माजिद इकबाल को मार गिराया। इश्फाक डार आतंकी बनने से पहले जम्मू कश्मीर पुलिस में बतौर कांस्टेबल नियुक्त था। वह वर्ष 2017 में आतंकी बना था।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि यह अभियान अब थमने वाला नहीं है। पुलिस बार-बार आतंकवादियों से अपील कर चुकी है कि वे आतंकवाद का रास्ता छोड़ अपने घरों को लौट आएं। जो उनकी बात मानेगा वह जिंदा रहेगा। जो नहीं मानेगा वे इसी तरह मुठभेड़ में मार गिराया जाएगा।