श्रीनगर:- दो दिन पहले कश्मीर में हुई अध्यापिका रजनी बाला की हत्या का गम कम भी नहीं हुआ था कि गुरुवार को आतंकियों ने एक और टारगेट किलिंग को अंजाम देते हुए बैंक प्रबंधक विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। इस हमले के बाद कश्मीरी पंडितों ने एक आपात बैठक कर तीन बड़े फैसले लिए हैं। गुरुवार को अलग-अलग ट्रांजिट कैंप से आए कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर अल्पसंख्यक फोरम के बैनर तले बैठक की। इसमें बैंक अधिकारी विजय कुमार सहित सभी टारगेट किलिंग हमलों की निंदा की गई और इन्हें कायराना कृत्य करार दिया गया। फोरम का कहना है कि बैठक में तीन मुख्य फैसले लिए गए हैं। घाटी में जारी सभी जगहों पर विरोध प्रदर्शनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। फोरम का कहना है कि घाटी में सभी अल्पसंख्यकों के सामने सरकार ने कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। ऐसे में वे शुक्रवार सुबह घाटी से बाहर पलायन करेंगे। फोरम ने घाटी में सभी प्रदर्शनकारियों से आह्वान किया है कि वे सभी नवयुग टनल के पास एकत्रित हों और यहां पर आगे की कार्यनीति तय करेंगे। वहीं खबर है कि कश्मीर में बदले हालातों के बीच कई कश्मीरी पंडित और अन्य अल्पसंख्यक कर्मचारी घाटी छोड़ कर जम्मू का रुख कर रहे हैं। कश्मीर संभाग के कुलगाम, बांदीपोरा, अनंतनाग, बारामूला, शोंपिया सहित अन्य जिलों में जम्मू संभाग के हजारों कर्मचारी कार्यरत हैं। कुलगाम में ही कार्यरत एक शिक्षक ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहा कि सभी में डर का महौल है। लगातार हो रही लक्षित हत्याओं ने हमें घाटी छोडऩे पर मजबूर किया है। यह पहली बार है कि आतंकियों ने अनुसूचित जाति के किसी कर्मचारी को निशाना बनाया है।