उत्तरकाशी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक के आरोपी मास्टमाइंड हाकम सिंह रावत के तहसील मोरी के सांकरी में सिदरी गांव में स्थित रिजॉर्ट पर आज प्रशासन की टीम अतिक्रमण तोड़ने पहुंची। रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलने से पहले सैकड़ों की संख्या में वहां पहुंचे ग्रामीणों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। फिलहाल प्रशासन लोगों को समझाने में लगा है। वहीं, बुलडोजर चलने से पहले ही रिजॉर्ट में लगे खिड़की दरवाजे व कीमती सामान सब गायब कर दिया गया है। इस दौरान हाकम सिंह की पत्नी बिसौली देवी ने प्रशासन की टीम के आगे रिजॉर्ट ध्वस्त न करने की गुहार लगाई। बिसौली देवी का कहना कि ये संपत्ति उनके पिता की है. इससे हाकम सिंह का कोई लेना देना नहीं है। उनके पिता ने इस जमीन की रजिस्ट्री उनके नाम पर की है, इसलिए प्रशासन इसे तोड़ नहीं सकता। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे किसी एक रिजॉर्ट को टारगेट कर बुलडोजर चलाना ठीक नहीं है। प्रशासन को पहले अतिक्रमण की गई सभी जगहों को चिन्हित करना होगा और तब सभी जगह एक साथ कार्रवाई करनी चाहिए। स्थानीय पुलिस, प्रशासन और वन विभाग के समझाने पर भी ग्रामीण नहीं माने और धरने पर बैठ गए हैं। इस बीच शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। लगभग 200 से अधिक पुलिस और आईटीबीपी जवान मौके पर तैनात हैं। नकल गिरोह के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आने के बाद हाकम सिंह की संपत्ति की जांच हुई तो पता चला कि उसका सांकरी में गोविंद वन्य जीव विहार की भूमि पर आलीशान रिजॉर्ट है। ये रिजॉर्ट देवदार की लकड़ी से बना है. यही नहीं, रिजॉर्ट का संचालन भी अवैध तरीके से किया जा रहा था। इसके अलावा हाकम सिंह ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर सेब के दो बगीचे भी बनाए हैं।उत्तरकाशी जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम ने हाकम की अवैध कब्जे वाली जमीन का नाप जोख और चिन्हीकरण किया। नाप जोख करने पर पता चला कि हाकम सिंह ने राज्य सरकार की 1.128 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा किया है, जिस पर उसने तीन भवन बनाए हैं, जबकि वन्यजीव गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय पार्क की 0.907 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा किया है। जहां उसने दो भवन व 130 सेब पेड़ों का बागीचा तैयार किया है, जबकि हाकम सिंह का आलीशान सांकरी रिजॉर्ट लोनिवि, राजस्व व वन विभाग की भूमि पर संयुक्त रूप से बना है। अवैध कब्जे की पुष्टि के बाद प्रशासन ने हाकम सिंह को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था और नोटिस का जवाब मिलने के बाद अवैध कब्जा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की बात कही गई थी। वहीं, वन विभाग के अधिकारियों ने वाइल्ड लाइफ सेक्शन 34 के तहत उसे नोटिस जारी किया था।