देहरादून। हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में मनी लॉड्रिंग के मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने पांच लैबों के निदेशकों के घर और दफ्तरों में छापेमारी की है। इस दौरान टीम ने लैब में हुई कोरोना जांच घोटाले से सबंधित दस्तावेज खंगाले। वहीं, टेस्ट करने वालीं पांच लैबों के निदेशकों के घर व दफ्तरों से 30 लाख 90 हजार रुपये जब्त किए। साथ ही लैपटॉप व फर्जी बिल भी ईडी ने कब्जे में लिए। टीम ने देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार में भी कई लैब में छापा मारा।
प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तराखंड पुलिस की ओर से मामले में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर यह कार्रवाई की है। ईडी ने नोवस पैथ लैब्स, डीएनए लैब्स, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डॉ. लाल चंदानी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और नलवा लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय परिसरों में तलाशी ली है। ईडी से मिली जानकारी के मुताबिक, इन लैबों ने वास्तव में टेस्ट किए बिना कोविड परीक्षण की बढ़ी हुई संख्या दिखाई है। इसके लिए कई लोगों के एकल मोबाइल नंबर, गलत मोबाइल नंबर, एकल पता, एक ही नमूना रेफरल फॉर्म (एसआरएफ) का उपयोग किया गया था। जांच में यह भी पता चला है कि परीक्षण उन व्यक्तियों के नाम पर किया गया जो कभी कुंभ मेले में आए ही नहीं। माना जा रहा है कि ईडी की इस छापेमारी में कई अहम सबूत मिल सकते हैं।