मसूरी। मसूरी के आइटीबीपी अकादमी में पासिंग आउट परेड में शपथ लेने के साथ ही 53 अधिकारी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के अभिन्न अंग बन गए। पासिंग आउट परेड में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अथिति के तौर पर शामिल हुए। इस दौरान आइटीबीपी की हिस्ट्री आफ आइटीबीपी पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने बल के युवा अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि आइटीबीपी का साहस, दृढ़ संकल्प, शौर्य और बलिदान का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि आइटीबीपी हिमालय की प्रहरी है और समर्पण और उच्च प्रेरणा के साथ राष्ट्र की कठिन सीमाओं की सुरक्षा करती है।
धामी ने कहा कि हर आपदा की स्थिति में, विशेष रूप से दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में संकट में फंसे लोगों के लिए आइटीबीपी सुरक्षा और बचाव की भूमिका निभाती रही है। उन्होंने आइटीबीपी के इतिहास की पहली किताब के सफल प्रकाशन पर महानिदेशक, आइटीबीपी और प्रकाशन टीम को भी बधाई दी।
समारोह में आइटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल ने उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया िक कि बल उभरते सुरक्षा परिदृश्य में अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान कर अपने रैंक्स में उच्चतम स्तर की व्यावसायिकता बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि आइटीबीपी देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रही है और महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान देश के साथ खड़े रहक जनता की हर संभव मदद की।