नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दिल्ली में शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल में देश के विभाजन और नेताजी के व्यक्तित्व को लेकर बड़ी बात कही है।उन्होंने कहा कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिंदा होते तो भारत का बंटवारा नहीं होता। नेताजी ने अपने जीवन में कई बार साहस दिखाया और उनके अंदर महात्मा गांधी को चुनौती देने का साहस भी था’। डोभाल ने कहा कि लेकिन तब महात्मा गांधी अपने राजनीतिक जीवन के शीर्ष पर थे। फिर बोस ने कांग्रेस छोड़ दी थी। डोभाल ने आगे कहा कि मैं अच्छा या बुरा नहीं कह रहा हूं, लेकिन भारतीय इतिहास और विश्व इतिहास के ऐसे लोगों में बहुत कम समानताएं हैं, जिनमें धारा के खिलाफ बहने का साहस था और आसान नहीं था। डोभाल ने कहा कि नेताजी अकेले थे, जापान के अलावा उनका समर्थन करने वाला कोई देश नहीं था। एनएसए ने कहा कि नेताजी ने कहा था कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता से कम किसी चीज के लिए समझौता नहीं करूंगा। वह न केवल इस देश को राजनीतिक पराधीनता से मुक्त कराना चाहते हैं, बल्कि उन्होंने कहा था कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलने की जरूरत है और उन्हें आकाश में स्वतंत्र पक्षियों की तरह महसूस करना चाहिए।