देहरादून। राजभवन में असम प्रदेश के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड में निवास कर रहे असम राज्य के लोगों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उपस्थित लोगों को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दूसरे राज्यों के स्थापना दिवस मनाने से सामाजिक एकीकरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल रहा है। राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने सैन्य अधिकारी के रूप में असम रेजिमेंट में अपनी सेवाएं दी हैं। अपने सैन्य सेवाकाल के दौरान वे असम के विभिन्न स्थानों पर तैनात रहे जिस कारण उन्हें वहां के स्थानीय लोगों के साथ काफी समय व्यतीत करने का अवसर मिला। राज्यपाल ने आज राजभवन में उत्तराखंड में निवासरत असम राज्य के प्रवासियों से मिलकर अपने पुराने समय की विभिन्न घटनाओं का स्मरण किया।
राज्यपाल ने कहा कि देश के सभी राज्यों में सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव हो, यही एक भारत श्रेष्ठ भारत का उद्देश्य है। इन आयोजनों से विभिन्न राज्यों के बीच की जो दूरियां है वह भी निश्चित रूप से कम होगी। उन्होंने कहा कि देश की विविधता में एकता का जश्न मनाने और भारत के लोगों के आपसी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ की यह पहल सराहनीय है। राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से जहां देश की एकता को बल मिलता है, तो वहीं दूसरी ओर भारत की विविधताओं को समझने का हम सभी को मौका भी मिलता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के लोगों का आपसी एवं सांस्कृतिक मेल-मिलाप बहुत जरूरी है। जहां इससे आपसी रिश्ते मजबूत होंगे इसके साथ ही आपसी समझ और विश्वास भी बढ़ेगा यही भारत के ताकत की नींव भी है।
राज्यपाल ने कहा कि असम की चाय दुनिया भर में प्रसिद्ध है, चाय से असम की अलग पहचान भी है। दुनिया भर में अपने रेशम के लिए भी असम जाना जाता है, यहां का असम सिल्क के नाम से प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि बिहू नृत्य असम का प्रसिद्ध नृत्य है, जो यहां के विभिन्न जातियों की परंपरा का अभिन्न अंग है। यहां काजीरंगा और मानस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं, जो भारत के एक सींग वाले गैंडों का निवास स्थान है। राज्यपाल ने कहा कि ‘‘गमुचा वस्त्र’’ असमिया लोगों की आसानी से पहचान कराने वाला सांस्कृतिक प्रतीक है जिसे लोग विभिन्न सामाजिक धार्मिक कार्यों में पहनते हैं। उन्होंने कहा कि असम और उत्तराखण्ड में बहुत समानताएं हैं और आज राजभवन में असम के निवासियों के साथ असम दिवस मनाने पर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है। इस कार्यक्रम में प्रथम महिला गुरमीत कौर, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव एवं राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी और उत्तराखण्ड में निवास कर रहे असम राज्य के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।