- हर्षिल घाटी के सुक्की गांव में लगेगा पहला प्लांट
उत्तरकाशी। हर्षिल घाटी में औषधीय गुणों से भरपूर सी बकथोर्न (आमिल) से ग्रामीणों की तकदीर बदलेगी। जिले में सी बकथोर्न का पहला प्रसंस्करण प्लांट हर्षिल घाटी के सुक्की गांव में लगेगा। राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड (एनएमपीबी) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की सिक्योर हिमालय परियोजना से इस प्लांट की स्थापना की जाएगी। वन पंचायत के माध्यम से स्थापित होने वाले प्लांट में सी बकथोर्न के फल से तेल, चटनी और जूस आदि उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों की आजीविका बढ़ेगी। हर्षिल घाटी के आठ गांवों में सी बकथोर्न प्राकृतिक रूप से मिलता है। औषधीय गुणों से भरपूर इसकी पत्तियों और फलों का अभी तक पारंपरिक रूप से ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत ग्रामीण सी बकथोर्न की पत्तियों से चाय और फलों से चटनी आदि तैयार करते हैं। यहां अब तक इसका कोई प्रसंस्करण प्लांट नहीं है। एनएमपीबी और सिक्योर हिमालय परियोजना में अब यहां करीब 70 लाख रुपए की लागत से सी बकथोर्न प्रसंस्करण प्लांट की स्थापना की कवायद शुरू हो गई है।इसके लिए वर्तमान में किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) के पंजीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्लांट में सी बकथोर्न के फलों से तेल, चटनी और जूस आदि उत्पाद तैयार किए जाएंगे। जिसकी देश-विदेश में खासी मांग है। इसके लिए घाटी के हर्षिल, बगोरी, धराली, मुखबा तथा सुक्की, जसपुर, झाला और पुराली गांव में एक-एक कोल्ड स्टोर, गोदाम और ड्राइंग शेड का निर्माण भी प्रस्तावित है।
संजीवनी बूटी के समान माना जाता है सी बकथोर्न: उत्तरकाशी महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ।एमपीएस परमार ने बताया कि सी बकथोर्न को संजीवनी बूटी के समान माना जाता है। 4 हजार से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर उगने वाले सी बकथोर्न को हिमालयन बेरी, लेह बेरी और लद्दाख बेरी के नाम से भी जाना जाता है। इसका फल चमत्कारिक गुणों से भरपूर होता है। इसमें आंवले से भी अधिक विटामिन सी, एंटी ऑक्सीडेंट के अलावा ओमेगा 3, 8 व 9 फैटी एसिड पाया जाता है, जो कि बढ़ती उम्र के प्रभाव, खून की कमी को दूर करने, हृदय रोग और मधुमेह में भी लाभकारी है। प्रोजेक्ट एसोसिएट सिक्योर हिमालय परियोजना के उम्मेद धाकड़ ने बताया कि एनएमपीबी और सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत सुक्की गांव में सी बकथोर्न का प्रसंस्करण प्लांट लगाया जाएगा। वन पंचायत के माध्यम से इसकी स्थापना के लिए एफपीओ रजिस्टर किया जा रहा है।