देहरादूनः उत्तराखंड में पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने रविवार को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बैनर तले मुख्यमंत्री आवास कूच किया। लेकिन पुलिस ने कर्मचारियों को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इससे पहले देहरादून के परेड ग्राउंड में कर्मचारी एकजुट हुए और यहां से एश्ले हॉल चौक, दिलाराम बाजार होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े। लेकिन पुलिस ने कुछ दूरी पर कर्मचारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सीएम आवास कूच कर रहे कर्मचारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। संयुक्त मोर्चा के प्रभारी विक्रम सिंह का कहना है कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार ने अड़ियल रवैया अपना रखा है। लेकिन कर्मचारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदेश भर के कर्मचारी लाम बंद हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है।उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का मकसद हंगामा करना नहीं बल्कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग करना है, जो कर्मचारियों का हक है। उत्तराखंड बनाने में कर्मचारियों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। लेकिन प्रदेश के नेताओं ने राज्य गठन में अपनी कोई भूमिका नहीं निभाई। उनके लिए सरकार के पास पेंशन के लिए बजट है। लेकिन अपने जीवन के 40 साल सर्विस देने वाले कर्मचारियों की पेंशन के लिए सरकार के पास बजट नहीं है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि उत्तराखंड ऐसा पहला भाजपा शासित राज्य होगा जहां सरकार पुरानी पेंशन बहाल करेगी।
मुख्यमंत्री आवास घेराव करने से पहले सभी कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। उसके बाद वहां एक जनसभा का आयोजन किया गया। अपनी मांगों को लेकर सभी कर्मचारियों से एकजुट होने का आह्वान किया गया और सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया तो भविष्य में कर्मचारियों के आंदोलन को और बड़ा रूप दिया जाएगा।