नई दिल्ली । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ईडी कस्टडी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। लंच से पहले एक घंटे और लंच के बाद लगातार चली दो घंटे की बहस के बाद जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने आदेश सुरक्षित रख लिया। केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद की रिहाई की मांग की है। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में अपना पक्ष रखा। उसके बाद ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखी। सीएम फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं। केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि लेवल प्लेइंग को ध्यान में रखते हुए यह बहुत इम्पॉर्टेंट केस है। इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव भी शामिल है, जो लोकतंत्र का हिस्सा है। केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि वो लोकतांत्रिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाएंगे। पहला वोट डाले जाने से पहले ही केजरीवाल और उनकी पार्टी को अलग-थलग करने की कोशिश की गई है। सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी की टाइमिंग यह इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है। गिरफ्तारी की जरूरत दूसरे कारणों से पड़ी। आपके पास गिरफ्तारी का अधिकार है तो आप गिरफ्तार कर सकते हैं। यहां गिरफ्तारी सिर्फ और सिर्फ अपमानित करने और नीचा दिखाने के लिए की गई है।