एनएपीएसआर ने जिलाधिकारी-मुख्य शिक्षा अधिकारी से की शिकायत
मानवता की सारी हदे पार कर रहे निजी स्कूल
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार व शासन-प्रसाशन निजी स्कूलों की मनमानियों पर नकेल कसने मे नाकाम साबित हो रहा है। निजी स्कूलों की मनमानियां किस हद तक हावी हैं इसका ताजा उदाहरण देहरादून के नेहरुग्राम स्थित द इण्डियन अकेडमी स्कूल मे देखने को मिला। द इण्डियन अकेडमी स्कूल ने कक्षा 12 मे पढ़ने वाली छात्रा को मानवता की सारी हदें पार करते हुए स्कूल से निकाले जाने का नोटिस जारी कर दिया। नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि द इण्डियन अकेडमी स्कूल मे पढ़ने वाली छात्रा के पिता टीवी मेकेनिक का काम करते हैं। लॉकडाउन मे उनका काम ठप हो गया उन्हे पैसे-पैसे के लिए मोहताज होना पड़ा। इसी बीच उनकी बेटी के दोनो पैर अचानक खराब हो गए जिनका ऑपरेशन अप्रैल 2021 मे उन्होने कर्ज लेकर महंत हॉस्पिटल मे कराया, जिसकी जानकारी स्कूल को देते हुए उन्होने फीस के लिए कुछ समय देने की गुहार लगाई। स्कूल ने सहानुभति की जगह मनमानी करते हुए छात्रा को ऑनलाइन क्लॉस से बाहर कर दिया। पिता अपनी अर्थिक और पारिवारिक परेशानी के चलते किसी से शिकायत भी नही कर सके। वक्त ने एक बार फिर उनके साथ मजाक किया और छात्रा की माँ की भी अचानक तबियत खराब हो गयी जिनको महंत हॉस्पिटल मे भर्ती कराना पड़ा, जहा अगस्त 2021 को हर्निया-पथरी के दो-दो ऑपरेशन कराने पड़े। इसकी जानकारी भी छात्रा के पिता ने स्कूल प्रशासन को दे दी थी। बेटी व उसकी माँ के ऑपरेशन के लिए मार्किट से उठाए गए कर्जे से बेहाल पिता पर स्कूल से लगातार फीस जमा करने का दबाव बनाया जाता रहा, 22 सितम्बर को स्कूल ने मेल करके स्पष्ट कर दिया कि इसी माह होने वाली परीक्षाओं में छात्रा को बैठने नही दिया जाएगा। यदि 23 सितम्बर तक फीस जमा नही की गई तो छात्रा को स्कूल से भी निकाल दिया जाएगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी छात्रा के पिता की होगी। आरिफ खान के अनुसार छात्रा के पिता की इस शिकायत का संज्ञान लेते ही जिलाधिकारी देहरादून और मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून से लिखित शिकायत कर कार्यवाई की मांग की है। मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल सती ने आश्वासन दिया है कि वो स्कूल को इस सम्बंध मे नोटिस जारी कर कार्यवाई करेंगे। छात्रा को किसी भी प्रकार से स्कूल शिक्षा और परीक्षा से वंचित नही कर सकता।