नगर क्षेत्र रुद्रप्रयाग में हो रही दूषित पानी की सप्लाई
पाइप लाइनों से निकल रहे कीड़े-मकोड़ों के साथ मरे सांप
वर्षो से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं नगरवासी
रुद्रप्रयाग। वर्षो से नगर क्षेत्र रुद्रप्रयाग की जनता दूषित पानी को पीने के लिए मजबूर है। बरसात के दिनों में स्थिति इतनी भयावह बन जाती है कि स्थानीय लोगों को गंदे पानी का सेवन करना पड़ता है। ऐसे में लोग बीमार भी हो जाते हैं। नगर क्षेत्र की जनसंख्या 15 हजार के करीब है और सभी वार्डो में पुनाड़ गदेरे का पानी ही सप्लाई होता है। इन दिनों पुनाड़ गदेरे के ऊपर चिनग्वाड़-ग्वाड़ थापली मोटरमार्ग की कटिंग का कार्य भी चल रहा है, जिसका मलबा भी पुनाड़ गदेरे में डाला जा रहा है। यह मलबा गदेरे में जाने से पानी दूषित हो रहा है और जल संस्थान विभाग की ओर से फिल्ट्रेशन की समुचित व्यवस्था न होने के कारण उपभोक्ताओं को गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिस कारण पानी में कीड़े-मकोड़ों के साथ ही मरे सांप निकल रहे हैं और लोगों को यही पानी पीना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी केशव नौटियाल एवं महावीर भंडारी ने बताया कि दो दिनों से मुख्य बाजार में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। ऐसे में विभाग को सूचित किया गया तो मौके पर फिटर को भेजने के बाद लाइन को चेक करने पर पाइप से सांप निकला। यह देखकर हर कोई हतप्रभ रह गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि जल संस्थान की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। नगर क्षेत्र की जनता के साथ ही इन दिनों चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुआंे को भी दूषित पानी पीना पड़ रहा है। जल संस्थान की पेयजल लाइनों से सांप निकल रहे हैं, यह विभाग की कार्यप्रणाली को दर्शाता है। कहा कि रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव है और यहां पर कोटेश्वर महादेव के साथ ही मंदाकिनी-अलकनंदा नदियों का संगम स्थल भी है, बावजूद इसके नगर क्षेत्र में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। कहा कि जल्द ही विभाग ने कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो स्थानीय जनता आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेगी। वहीं जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने बताया कि पुनाड़ गदेरे के ऊपर चिनग्वाड़-ग्वाड़ थापली मोटरमार्ग की कटिंग का कार्य चल रहा है, जिस कारण नगर क्षेत्र में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है और पेयजल लाइनों से कीड़े-मकोड़ों के साथ ही सांप भी निकल रहे हैं। नगर क्षेत्र में प्रतिदिन 5 लाख लीटर क्षमता पानी की सप्लाई हो रही है, जबकि 35 लाख क्षमता का नया टैंक व फिल्टर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य चल रहा है। यह कार्य पूरा होने के बाद दूषित पानी की समस्या खत्म हो जायेगी।