देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्य की धामी सरकार ने सदन में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। धामी सरकार के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में 65 हजार करोड़ का बजट पेश किया। वित्त मंत्री सदन में पारंपरिक वेशभूषा में बजट पेश करने पहुंचे। वित्त मंत्री ने 65,571.49 करोड़ का बजट सदन में पटल पर रखा। धामी सरकार के बजट में महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस किया गया है। गौवंश के संरक्षण के लिए गौसदनों की स्थापना के लिए बजट के प्रावधानों में 6 गुना वृद्धि करते हुए 15 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों से पलायन पर प्रभावी प्रहार के लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा।
सायं करीब चार बजे सरकार ने सदन पटल पर बजट पेश किया। मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 20 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। सामुदायिक फिटनेस उपकरण (ओपन जिम) के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया। गौसदनों की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 17 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। मेरी गांव मेरी सड़क के तहत प्रत्येक विकासखंड में दो सड़क निर्माण के लिए 13.48 करोड़ की धनराशि। अटल उत्कर्ष विद्यालय योजना के लिए 12.28 करोड़ का प्राविधान किया गया है। देहरादून में राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थान सीपेट की स्थापना के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना के लिए तहत 7.00 करोड़ प्राविधान किया गया है। बजट में सरकारी विभागों में नवपरिवर्तन पर सरकार का फोकस है।
कृषि क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर कार्य किया जाएग। बेहतर कनेक्टिविटी बनाने पर कार्य किया जाएगा। बजट में कहा गया है कि पूंजीगत परियोजनाओं से राज्य का भविष्य सुनहरा बनेगा। केंद्र पोषित व बाह्य सहायतित योजनाओं को तेजी से लागू करेंगे। 1 हजार 930 करोड़ की योजना से टिहरी झील का विकास किया जाएगा। ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर कार्य किया जाएगा। 1 हजार 750 की लागत से देहरादून से मसूरी परियोजना की भारत सरकार से स्वीकृति मिली है। चाय विकास योजना के लिए 18.4 करोड़ का प्रावधान है। चाय बागानों को टी टूरिज्म के लिए तैयार किया जाएगा। 2 हजार 812 करोड़ की अर्बन योजना की स्वीकृति दी गई है। स्वच्छ पेयजल के लिए जायका के माध्यम से 1 हजार 600 करोड़ की योजना की बात की गई है।
बजट में गौवंश के संरक्षण के लिए गौसदनों की स्थापना के लिए बजट के प्रावधानों में 6 गुना वृद्धि करते हुए 15 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों से पलायन पर प्रभावी प्रहार के लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा। इसके लिए रिवर्स पलायन पर कार्य किया जाएगा। गांवों में कृषि, उद्योग, पर्यटन पर फोकस करते हुए पलायन रोका जाएगा। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 25 करोड़, सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए 44.78 करोड़ मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़ और सबसे ज्यादा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 105.41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। धामी सरकार ने शिक्षा सेक्टर पर फोकस किया है। चंपावत स्थित सोबन सिह जीना विश्वविद्यालय और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में आईटी अकादमी और उत्कृष्टता केंद्र के संचालन के लिए पांच-पांच करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्रों को निशुल्क किताबें उपलब्ध करवाने के लिए 36.86 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। कृषि क्षेत्र के विकास के साथ धामी सरकार ने अपना विजन साफ रखा है। बताया कि जीआई टैग प्राप्त कर वैश्विक बाजार की संभावना तलाशने की रणनीति बनाई जा रही है। स्थानीय फसलों का प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए 7.5 करोड़ रुपयों का प्रावधान है। मुख्यमंत्री एकीकृत बागबानी मिशन के लिए 17 करोड़ और दीन दयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 55 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।