ऋषिकेश। चारधाम यात्रा में मुकम्मल सुविधा उपलब्ध कराने के तहत सरकार ने शायद भले मन से तीर्थयात्रियों के दर्शन की संख्या को निर्धारित किया, लेकिन अब इसका उल्टा ही संदेश देश-दुनिया तक जाता दिख रहा है। निजी परिवहन कारोबारियों की मानें तो यात्रा के लिए रोजाना होने वाले रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा इस बात की तस्दीक कर रहा है। दरअसल, सरकार चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश समेत कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन करा रही है। इसमें रजिस्ट्रेशन का मुख्य केंद्र ऋषिकेश ही है। पंजीकरण केंद्र पर पहले के मुकाबले अब रजिस्ट्रेशन के लिए न के बराबर तीर्थ यात्रियों की मौजूदगी नजर आ रही है। रजिस्ट्रेशन करने वाली निजी एजेंसी से जुड़े प्रेमानंद ने बताया कि यात्रा के शुरुआती दिनों में पंजीकरण का आंकड़ा एक दिन में 25 हजार तक पहुंच रहा था। यह घटकर आठ महज 800 रह गया है। ऋषिकेश में हर रोज 300 से 400 रजिस्ट्रेशन ही यात्रा के लिए हो रहे हैं। उत्तराखंड परिवहन निगम के अध्यक्ष सुधीर राय के मुताबिक सरकार को चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की भारी आमद को लेकर पता था। बावजूद इसके, सरकार यात्रियों के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाई. दावा किया कि इसका उल्टा मैसेज देशभर में गया। यात्रियों को लगा कि शायद सरकार इंतजाम नहीं जुटा पा रही है। उन्होंने बताया कि दर्शन को आने वाले ज्यादातर यात्रियों ने बुकिंग कैंसिल करा ली है। कुछ ने सितंबर माह के लिए बुकिंग कराई है। उन्होंने इसे सरकार का फेल्योर बताया। उन्होंने कहा कि दो साल बाद यात्रा चलने से निजी परिवहन कारोबारियों को आर्थिक संकट सुलझने की उम्मीद थी, मगर इससे अब उनके व्यापार को भी झटका लगा है।